अक्क महादेवी-हिंदी लेसन प्लान कक्षा 11 पीडीएफ
संक्षिप्त विवरण (Brief Description)
Sr. No. | Headings | Details |
---|---|---|
1 | पाठ योजना प्रकार (Lesson Plan Type) | दैनिक पाठ योजना (Daily Lesson Plan) |
2 | विषय (Subject) | हिंदी (Hindi) |
3 | उपविषय (Sub-Subject) | पद्य (Padya) |
4 | प्रकरण (Topic) | अक्क महादेवी (Akka Mahadevi) |
5 | कक्षा (Class) | 11 |
6 | समयावधि (Time Duration) | 35 Minute |
7 | उपयोगी (Useful for) | B.ed, Deled, BSTC, BTC, Nios Deled |
आने वाले हिंदी लेसन प्लान के इस भाग में हम शिक्षण उद्देश्यों का उल्लेख करेंगें |
शिक्षण- उद्देश्य :-
1. ज्ञानात्मक –
- कविता का रसास्वादन करना।
- छात्रों को आध्यात्मिक मूल्यों से अवगत कराना।
- कविता की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी या पढ़ी हुई कविता से संबद्ध करना।
- नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
- साहित्य के पद्य –विधा (पद) की जानकारी देना।
- छात्रों को कवि एवं उनके पदों के बारे में जानकारी देना।
- आध्यात्मिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
- आदिकालीन कविता की विशेषताओं से अवगत कराना।
2. कौशलात्मक –
- स्वयं कविता लिखने की योग्यता का विकास करना।
- आदिकालीन कविताओं की तुलना अन्य कविताओं से करना।
- ईश्वर के प्रति आस्था एवं भक्ति की भावना जागृत करना।
3. बोधात्मक –
- आध्यात्मिकता एवं रहस्यवाद पर प्रकाश डालना।
- रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
- कविता में वर्णित भावों को हॄदयंगम करना।
- ईश्वर के प्रति भक्ति –भाव प्रकट करना।
4. प्रयोगात्मक –
- कविता के भाव को अपने दैनिक जीवन के व्यवहार के संदर्भ में जोड़कर देखना।
- पद को समझकर स्वयं पद लिखने का प्रयास करना ।
- कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखना।
सहायक शिक्षण – सामग्री:-
- चाक , डस्टर आदि।
- पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
यहाँ हम बच्चों के पूर्व ज्ञान को जानने की कोशिश करेंगे की उनको अक्क महादेवी के बारे में कितना पता है ताकि हम हमारे हिंदी लेसन प्लान को अच्छे से तैयार कर सके |
पूर्व ज्ञान:-
- कविता – रचना के बारे में ज्ञान है।
- ईश्वर के प्रति भक्ति की भावना है।
- साहित्यिक-लेख की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
- सामाजिक व्यवहार से वाक़िफ़ हैं।
- मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
- बच्चो! क्या आपने कोई पद पढ़ा है ?
- क्या आपने अक्क महादेवी की कोई रचना पढ़ी है ?
- ईश्वर के प्रति आप अपना विश्वास किस तरह प्रकट करते हैं ?
- आप अपने आपसे क्या अपेक्षाएँ करते हैं ?
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम आदिकालीन कवयित्री ‘ अक्क महादेवी ’ के द्वारा रचित ईश्वर-भक्ति एवं आध्यात्मिक मूल्यों से प्रेरित पाठ ‘ हेभूख !….. और हे मेरे जूही के…………… ’ का अध्ययन करेंगे।
इन्हें भी देखे:-
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अक्क महादेवी हिंदी लेसन प्लान की इकाइयाँ—
हमने यहाँ अक्क महादेवी हिंदी लेसन प्लान की सरलता को ध्यान में रखते हुए इसे दो भागों में बाँट दिया है |
प्रथम अन्विति— ( अब कैसे………………भक्ति करै रैदासा।। )
- राम नाम की रट न छूटना।
- भगवान और भक्त की तुलना करना।
- कवि के द्वारा अपनी भक्ति प्रकट करना।
द्वितीय अन्विति :- ( ऐसी लाल…………….ते सभै सरै॥ )
- भगवान का अपने भक्त के प्रति प्रेम।
- ईश्वर का गुणगान।
- प्रसिद्ध संत कवियों का वर्णन।
- ईश्वर के द्वारा ही सकल कार्य की सिद्धि होना।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक | अध्यापक – क्रिया | छात्र – क्रिया |
1. | कविता का केन्द्रीय भाव :- पहले वचन में कवयित्री ने भूख, प्यास, क्रोध-मोह, लोभ-मद, ईर्ष्या पर नियंत्रण रखने और भगवान शिव का ध्यान लगाने की प्रेरणा दी है। दूसरे वचन में ईश्वर के सम्मुख संपूर्ण समर्पण का भाव है। कवयित्री चाहती है कि बह सांसारिक वस्तुओं से पूरी तरह खाली हो जाए। उसे खाने के लिए भीख तक न मिले। शायद इसी तरह उसका संसार उससे छूट सके। | कविता को ध्यानपूर्वक पढ़्ना और सुनना तथा समझने का प्रयत्न करना। साथ ही अपनी शंकाओं तथा जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
2. | कवयित्री–परिचय :- ‘ अक्क महादेवी ’ का जन्म १२ वीं सदी में कर्नाटक के उडुतरी गाँव में ज़िला शोवमिगा में हुआ था। वे अपूर्व सुंदरी थीं। राजा के विवाह प्रस्ताव रखने पर उन्होंने तीन शर्तें रखीं, पर राजा ने पालन नहीं किया; इसलिए महादेवी ने उसी समय घर त्याग दिया। वह भारतीय नारी के इतिहास की एक विलक्षण घटना बन गई जिससे उनके विद्रोही स्वभाव का पता चलता है। अक्क के कारण शैव आंदोलन से बड़ी संख्या में स्त्रियाँ जुड़ीं और अपने संघर्ष और यातना को कविता के रूप में अभिव्यक्ति दीं। इस प्रकार अक्क महादेवी की कविता पूरे भारतीय साहित्य में इस कांतिकारी चेतना का पहला सर्जनात्मक दस्तावेज़ है। चन्न मल्लिकार्जुन देव इनके आराध्य थे। बसवन्न और अल्ल्मा प्रभु इनके समकालीन कन्नड़ संत कवि थे। कन्नड़ भाषा में अक्क शब्द का अर्थ बहिन होता है। | कवयित्री के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। |
3. | शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। | उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। |
4. | कविता के पदों की व्याख्या करना। | कविता को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कविता को ध्यान से सुनना। कविता से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
5. | कठिन शब्दों के अर्थ :- मचल – पाने की ज़िद करना / पाश – बंधन, जकड़ / मद – नशा / मदहोश – नशे में पागल / चराचर – जड़ और चेतन संसार / चूक – भूल / चन्न मल्लिकार्जुन – शिव | छात्रों द्वारा शब्दों के अर्थ अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
6. | छात्रों द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। | छात्रों द्वारा पठन। |
7. | कविता में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना। 1. तुकांत शब्दों का प्रयोग 2. विराम चिह्नों का प्रयोग | व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
गृह – कार्य :-
- कविता का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।
- पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
- कविता का केन्द्रीय भाव संक्षेप में लिखना।
- पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।
परियोजना कार्य :-
- भक्त कवि कबीर , गुरु नानक , नामदेव और मीराबाई आदि कवियों की रचनाओं का संग्रह करना।।
- पाठ में आए दोनों वचनों को याद कीजिए और कक्षा में सुनाइए।
मूल्यांकन :-
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
- पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
- लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं – इसके संदर्भ में अपने तर्क दीजिए।
- ओ चराचर ! मत चूक अवसर – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
- ईश्वर के लिए किस दइष्टांत का प्रयोग किया है। ईश्वर और उसके साम्य का आधार बताइए।?
- दूसरे वचन में क्या कामना की गई है ? इसे भूलने की बात क्यों कही गई है ?
- इकाई परीक्षाएँ
- गृह – कार्य
- परियोजना – कार्य
प्राचार्य के हस्ताक्षर विषय- शिक्षक के हस्ताक्षर