Ateet Mein Dabe Paon Class 12 B.ed Hindi Lesson Plan
संक्षिप्त विवरण (Brief Description)
Sr. No. | Headings | Details |
---|---|---|
1 | पाठ योजना प्रकार (Lesson Plan Type) | दैनिक पाठ योजना (Daily Lesson Plan) |
2 | विषय (Subject) | हिंदी (Hindi) |
3 | उपविषय (Sub-Subject) | गद्य (Gadya) |
4 | प्रकरण (Topic) | अतीत में दबे पाँव (Ateet Mein Dabe Paon) |
5 | कक्षा (Class) | 12th |
6 | समयावधि (Time Duration) | 35 Minute |
7 | उपयोगी (Useful for) | B.ed, Deled, BSTC, BTC, Nios Deled |
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका Lesson Plan World पर | अगर दोस्तों आप हिंदी का लेसन प्लान (Hindi ka Lesson Plan) तलाश रहे है तो अब आपकी बीएड (B.ed) के लिए हिंदी लेसन प्लान (Hindi Lesson Plan) की तलाश पूरी हो चुकी है | क्योंकि आज हम आपके लिए लाये है कक्षा 12 (Class 12) की हिंदी लेसन प्लान (Hindi Lesson Plan) जो कि पद्य भाग यानी की कहानी पर बनाई गयी है | इस हिंदी लेसन प्लान (Hindi Lesson Plan) का प्रकरण ओम थानवी द्वारा रचित अतीत में दबे पाँव (Ateet Mein Dabe Paon) कहानी से लिया गया है |
B.ed Hindi Lesson Plan Class 12 Pdf Download
शिक्षण– उद्देश्य :-
1. ज्ञानात्मक –
- भारत के इतिहास तथा अतीत के प्रति रुचि पैदा करना।
- प्राचीन भारतीय सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक जीवन की जानकारी देना।
- प्राचीन इतिहास के पता लगाने की समस्याओं से परिचित कराना।
- शोध एवं गवेषणा की ओर प्रेरित करना।
- नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
- साहित्य के गद्य –विधा (लेख) की जानकारी देना।
- छात्रों को हिन्दी के साहित्यकारों के बारे में जानकारी देना।
- नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
2. कौशलात्मक –
- स्वयं लेख लिखने की योग्यता का विकास करना।
- पाठ में वर्णित घटनाओं का प्रामाणिक तथ्य प्रस्तुत करना।
3. बोधात्मक –
- साहित्यकार ओम थानवी के जीवन-वृत्त से परिचित कराना।
- रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना और इतिहास को समझना।
- लेख में वर्णित महत्त्वपूर्ण घटनाओं की सूची बनाना।
- समाज में जीवन के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण का विकास करना।
4. प्रयोगात्मक –
- लेल्ख में वर्णित बातों को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।
- ऐतिहासिक स्थलों का महत्त्व समझना और उन स्थलों की यात्रा करने की प्रेरणा देना ।
- लेख का सारांश अपने शब्दों में लिखना।
शिक्षण सहायक सामग्री:-
- चाक , डस्टर, वीडियो क्लीप आदि।
- पावर प्वाइंट के माध्यम से पाठ की प्रस्तुति।
Class 12 Lesson Plan Hindi for B.ed
पूर्व ज्ञान:-
- प्राचीन भारतीय समाज और इतिहास के प्रति रुचि है।
- विभिन्न स्थलों की यात्रा का ज्ञान है।
- सामाजिक जीवन की अच्छाइयों और बुराइयों से परिचित हैं।
- साहित्य की ‘ लेख ’ विधा का अल्पाधिक ज्ञान है।
- साहित्यिक-भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
- शोध एवं गवेषणा के क्षेत्र में रुचि है।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
- बच्चो! क्या आप प्राचीन भारतीय समाज और इतिहास से परिचित हैं ?
- क्या आपने कभी किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा की है?
- क्या आपने भारत के गौरवशाली अतीत से सीख ली है ?
- क्या आप अपने सामाजिक व्यवस्था से परिचित हैं?
- आप समाज में किस प्रकार के बदलाव देखते हैं?
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम प्रसिद्ध लेखक ओम थानवी के द्वारा रचित लेख ‘ अतीत में दबे पाँव ’ का अध्ययन करेंगे।
इन्हें भी देखे:-
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अतीत में दबे पाँव हिंदी लेसन प्लान की इकाइयाँ—
प्रथम अन्विति— ( भारत के ही नहीं, …………बहुत शंका प्रकट की जाती है )
द्वितीय अन्विति : ( मुअनजो-दड़ो की साक्षर सभ्यता……………. सूखे में ढल गया)
तृतीय अन्विति— ( विद्वानों का मानना है कि ……………………….. कामगारों के घर रहे होंगे)
चतुर्थ अन्विति : ( मुअनजोदड़ो में कुँओं को छोड़कर…………. अपने आप में बड़ी चुनौती है )
शिक्षण विधि :-
क्रमांक | अध्यापक – क्रिया | छात्र – क्रिया |
1. | लेख का सारांश :- ओम थानवी की किताब ‘मुअनजोदड़ों’ हमारे सामने सभ्यता और संस्कृति के कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करती है- एक तो यही कि जिसे हम ‘मोहनजोदड़ो’ कहते हैं- वह दरअसल ‘मुअनजोदड़ों’ है- यानी ‘मुर्दों का टीला’ है। सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज ‘मुअनजोदड़ों’ से होती है। ‘मुअनजोदड़ों’ में कभी एक संपन्न नगर बसता था। उसके नीचे एक जीता-जागता शहर सांस लेता था। वहां घर थे, कुएं थे, कुंड थे, खेत थे, कोठर थे, पथ-चौराहे थे, सार्वजनिक स्नानागार थे। नालियां थीं, कच्ची-पक्की ईंटों से बनी दीवारें थीं। ये नगर एक योजनाबद्ध तरीके से बसा था। इस नगर में मूर्तिकार और कलाकार भी रहते थे। सिंधु घाटी का काल और समाज निर्धारण तो हमने कर लिया, लेकिन सिंधु लिपि अब तक हमारे लिए अबूझ बनी हुई है। इस छोटी-सी किताब में, जो केवल 118 पृष्ठों की है, कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं। कई विचार-बिंदु लेखक ने विद्वानों के विचार-विमर्श के लिए छोड़ दिए हैं। वे सिंधु घाटी से जुड़े रामविलास शर्मा, वासुदेव शरण अग्रवाल और राहुल सांकृत्यायन के निष्कर्षों को तर्क की कसौटी पर कसते हैं। | लेख को ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। प्राचीन भारत के अतीत तथा इतिहास को आत्मसात करते हुए वर्तमान जीवन से प्रेरणा प्राप्त करना। |
2. | लेखक (ओम थानवी) परिचय :- जन्म: 1 अगस्त 1957 जन्म स्थान -फलोदी, जोधपुर, राजस्थान कुछ प्रमुख कृतियाँ – मुअनजोदड़ो, अपने अपने अज्ञेय शमशेर सम्मान, सार्क सम्मान, केंद्रीय हिंदी संस्थान सम्मान सम्मानित। पिछले १७ वर्षों से इंडियन एक्सप्रेस समूह के हिन्दी दैनिक ‘ जनसत्ता ’ में संपादक के रूप में कार्यरत। ओम थानवी ‘जनसत्ता’ दैनिक के यशस्वी संपादक हैं। वे अच्छे लेखक भी हैं। वे साहित्यिक कृतियों का संपादन भी अच्छा करते हैं। ‘अनंतर’ स्तंभ में वे अच्छे वृत्तांत लिखते हैं। उनके द्वारा दो खंडों में संपादित ‘अपने-अपने अज्ञेय’ इस बात का अनुपम उदाहरण है। | लेखक के बारे में दी गई जानकारी को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
3. | शिक्षक के द्वारा लेख का उच्च स्वर में पठन करना। | उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। |
4. | लेख के अवतरणों की व्याख्या करना। | लेखको हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए लेख को ध्यान से सुनना। लेख से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
5. | कठिन शब्दों के अर्थ :- मुअनजो-दड़ो – पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित पुरातात्त्विक स्थान स्थान, जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता बसी थी। मुअनजो-दड़ो का अर्थ है – मुर्दों का टीला। वर्तमान समय में इसे मोहनजोदड़ो के नाम से जाना जाता है। हड़प्पा – पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का पुरातात्त्विक स्थान , जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता का दूसरा शहर बसा था। इलहाम – अनुभूति, कशीदेकारी तथा ग़ुलकारी – कपड़ों पर फूल / चित्र अंकित करने की कला । अजायब घर – संग्रहालय उत्कीर्ण – खुदी हुई , असबाब – सामान ,पर्यटक – सैलानी, भ्रमणकारी , पुरातत्त्ववेत्ता – Archeologist ,उत्कृष्ट – सबसे अच्छा | शब्दार्थ अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
6. | छात्रों द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। | छात्रों द्वारा पठन। |
7. | पाठ में प्रयुक्त भाषा का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
| भाषा के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
अतीत में दबे पाँव हिंदी लेसन प्लान कक्षा 12
गृह – कार्य :-
- पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।
- पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
- पाठ की प्रमुख सूचनाओं की संक्षेप में सूची तैयार करना।
- पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।
- मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता के बारे में और अधिक
- जानकारी पुस्तकालय या इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त कीजिए।
- इनसे जुड़ी चित्रों का संग्रह कर अपने स्क्रैप बुक में चिपकाइए।
- पूर्व स्लाइड में दिखाए गए बोध –प्रश्नों के उत्तर अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखिए।
परियोजना कार्य :-
- “मोहनजोदड़ो में खुदाई” – इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
- हर विषय, क्षेत्र, परिवेश आदि के कुछ विशिष्ट शब्द होते हैं। पाठ में इतिहास से जुड़ी शब्दावली का बहुतायात प्रयोग हुआ है। उन शब्दों की सूची बनाइए।
- पाठ में सिंधु घाटी सभ्यता को चित्रित किया गया है। किसी अन्य सभ्यता के बारे में जानकारी प्राप्त करें और लिखें ।
मूल्यांकन :-
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
१. पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
- हड़प्पा की सभ्यता की खोज सर्वप्रथम किसने की ?
- सिंधु की सभ्यता में एक बड़ा स्नानघर कहाँ मिला ?
- सिंधु की घाटी सभ्यता में घर किससे बने थे ?
- हड़प्पा की सभ्यता की खोज किस वर्ष हुई थी ?
- हड़प्पा के लोग कौन-सी फसल में सबसे आगे थे ?
- हड़प्पा सभ्यता का प्रचलित नाम कौन-सा है ?
- सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख फसल कौन-सी थी ?
- किस स्थान से नृत्य मुद्रा वाली स्त्री की कांस्य मूर्ति प्राप्त हुई ?
- मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ क्या है ?
- मोहनजोदड़ो इस समय कहाँ स्थित है ?
२. इकाई परीक्षाएँ
३. गृह – कार्य
४. परियोजना कार्य
नमस्कार
मुझे पाठयोजना बनाने में बहुत मदद मिलती
धन्यवाद