Usha – B.ed Hindi Lesson Plan Class 12 Download
संक्षिप्त विवरण (Brief Description)
Sr. No. | Headings | Details |
---|---|---|
1 | पाठ योजना प्रकार (Lesson Plan Type) | दैनिक पाठ योजना (Daily Lesson Plan) |
2 | विषय (Subject) | हिंदी (Hindi) |
3 | उपविषय (Sub-Subject) | पद्य (Padya) |
4 | प्रकरण (Topic) | उषा (Usha) |
5 | कक्षा (Class) | 12th |
6 | समयावधि (Time Duration) | 35 Minute |
7 | उपयोगी (Useful for) | B.ed, Deled, BSTC, BTC, Nios Deled |
नमस्कार दोस्तों स्वागत हैं आपका अपने ब्लॉग Lesson Plan World पर | अगर आप B.ed के लिए Hindi ka Lesson Plan खोज रहे है तो अब बिलकुल सही जगह पर आये है और अब आपकी B.ed Hindi Lesson Plan की तलाश पूरी हो चुकी है | आज हमने Class 12 के हिंदी विषय का लेसन प्लान (Lesson Plan of Hindi Subject Class 12) शेयर किया है | यह हिंदी लेसन प्लान कविता पर बनाया गया है जो कि पद्य भाग से सम्बंधित है | इस कविता के कवि है शमशेर बहादुर सिंह |
B.ed Hindi Lesson Plan for Class 12
शिक्षण– उद्देश्य :-
1. ज्ञानात्मक –
- प्रभातकालीन प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित कराना।
- कविता का रसास्वादन करना।
- कविता की विशेषताओं की सूची बनाना।
- कविता की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी या पढ़ी हुई कविता से संबद्ध करना।
- नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
- साहित्य के पद्य –विधा (कविता)की जानकारी देना।
- छात्रों को कवि एवं उनके साहित्यिक जीवन के बारे में जानकारी देना।
2. कौशलात्मक –
- स्वयं कविता लिखने की योग्यता का विकास करना।
- प्रकृति से संबंधित कविताओं की तुलना अन्य कविताओं से करना।
- प्रभातकालीन प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित कराना।
3. बोधात्मक –
- प्राकृतिक सौंदर्य एवं जीव-जगत के व्यवहार पर प्रकाश डालना।
- रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
- कविता में वर्णित भावों को हॄदयंगम करना।
- प्रकृति के प्रति आसक्ति –भाव जागृत करना।
4. प्रयोगात्मक –
- कविता के भाव को अपने दैनिक जीवन के व्यवहार के संदर्भ में जोड़कर देखना।
- इस कविता की तुलना कवि की अन्य रचनाओं से करना ।
- कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखना।
शिक्षण सहायक सामग्री:-
- चाक , डस्टर आदि।
- पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-
- कविता – रचना के बारे में ज्ञान है।
- अलंकार का प्रारंभिक ज्ञान है।
- प्रकृति के विभिन्न उपादानों की महत्ता से अवगत हैं।
- साहित्यिक-लेख की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
- प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति कर सकते हैं।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
- बच्चो! क्या आपने प्रकृति से संबंधित कविता पढ़ी है?
- क्या आपने शमशेर बहादुर सिंह की कोई रचना पढ़ी है?
- प्राकृतिक सौंदर्य को आप कितना अनुभूत करते हैं?
- प्रकृति का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ?
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम कवि ‘ शमशेर बहादुर सिंह ’ के द्वारा रचित प्रकृति से संबंधित कविता ‘ उषा ’ का अध्ययन करेंगे।
इन्हें भी देखे:-
- छोटा मेरा खेत – Class 12 Hindi Path Yojna
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Usha Hindi Lesson Plan की इकाइयाँ—
प्रथम अन्विति— (प्रात नभ……………..राख से लिपा चौका)
- प्रात:कालीन नीले शंख जैसा आकाश।
- प्रात:कालीन नभ मानो राख से लिपा हुआ चौका हो।
द्वितीय अन्विति :- (बहुत काली सिल………………मल दी हो किसी ने )
- काली सिल के समान आकाश।
- लाल केसर से धुला हुआ आकाश।
- आकाश की तुलना काली स्लेट से।
तृतीय अन्विति :- (नील जल में………………सूर्योदय हो रहा है )
- आकाश की तुलना नीले तालाब से।
- सूर्य मानो कोई गोरी देह वाली लड़की हो जो नीले जल ले तालाब में नहा रही हो।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक | अध्यापक – क्रिया | छात्र – क्रिया |
1. | कविता का केन्द्रीय भाव :- ‘ उषा ’ कविता में भोरकालीन सौंदर्य के रंग-रूप वातावरण का सूक्ष्म चित्रण किया गया है। भोर से भी पहले आकाश का रंग ऐसा गहरा नीला होता है मानो कोई शंख हो। थोड़ी देर बाद उसमें नमी इस तरह साकार हो जाती है कि वह राख से लिपे चौके-सा प्रतीत होता है। कुछ देर बाद सूरजा की लाली उसमें ऐसे मिल जाती है कि वातावरण लाल केसर से धुली काली सिल जैसा जान पड़ता है। या यों लगता है मानो काली स्लेट पर किसी ने लाला खड़िया चाक मल दी हो। और कुछ देर बाद सूरज का प्रकाश प्रकट हो जाता है। तब आकाश में उगती हुई श्वेतता यों लगती है मानो नीले जल में किसी की गोरी देह झिलमिला रही हो। सूर्योदय होने पर उषा का सारा सौंदर्य समाप्त हो जाता है। इस प्रकार उषा का सौंदर्य पल-प्रतिपल बदलता रहता है। ‘ उषा ’ कविता में प्रकृति में होने वाला परिवर्तन मानवीय जीवन-चित्र बनकर अभिव्यक्त हुआ है। प्रस्तुत कविता ‘ उषा ’ सूर्योदय के ठीक पहले के पल-पल परिवर्तित प्रकृति का शब्द चित्र है। शमशेर ऐसे बिंबधर्मी कवि हैं, जिन्होंने प्रकृति की गति को शब्दों में बाँधने का अद्भुत प्रयास किया है। कवि भोर के आसमान का मूक द्रष्टा नहीं है। वह भोर की आसमानी गति को धरती के जीवन भरे हलचल से जोड़ने वाला स्रष्टा भी है। इसलिए वह सूर्योदय के साथ एक जीवंत परिवेश की कल्पना करता है जो गाँव की सुबह से जुड़ता है – वहाँ सिल है , राख से लीपा हुआ चौका है और है स्लेट की कालिमा पर चाक से रंग मलते अदृश्य बच्चों के नन्हें हाथ। यह एक ऐसे दिन की शुरुआत है, जहाँ रंग है, गति है और भविष्य की उजास है और हर कालिमा को चीरकर आने का एहसास कराती उषा। | कविता को ध्यानपूर्वक पढ़्ना और सुनना तथा समझने का प्रयत्न करना। साथ ही अपनी शंकाओं तथा जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
२. | कवि–परिचय :- शमशेर बहादुर सिंह जन्म: १३ जनवरी, सन् १९११ को देहरादून में। प्रकाशित रचनाएँ : कुछ कविताएँ, कुछ और कविताएँ, चुका भी हूँ नहीं मैं, इतने पास अपने, बात बोलेगी, काल तुझसे होड़ है मेरी, ‘ उर्दू-हिंदी कोश ’ का संपादन। सम्मान : ‘ साहित्य अकादमी ’ तथा ‘ कबीर सम्मान ’ सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। निधन : सन् १९९३, दिल्ली में। | कवि के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका में लिखना। |
३. | शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना। | उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान से सुनना। |
४. | कविता के पदों की व्याख्या करना। | कविता को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए कविता को ध्यान से सुनना। कविता से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना। |
५. | कठिन शब्दों के अर्थ :- प्रात– प्रात:, भोर गौर – गोरे रंग की उषा – भोर से पहले का समय सिल – पत्थर | छात्रों द्वारा शब्दों के अर्थ अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
६. | छात्रों द्वारा पठित पदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना। | छात्रों द्वारा पठन। |
७. | कविता की विशेषताओं का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
| कविता की इन विशेषताओं का प्रयोग किएगए अन्य कविओं की कविताओं को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना। |
गृह – कार्य :-
- कविता का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।
- पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
- कविता का केन्द्रीय भाव संक्षेप में लिखना।
- पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।
परियोजना कार्य :-
- शमशेर बहादुर सिंह की कविताओं का संग्रह करना।
- प्रकॄति या मानवीय राग और अनुराग से संबंधित एक कविता लिखना।
मूल्यांकन :-
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
- पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
- कविता के किन उपमानों को देखकर यह कहा जा सकता है कि उषा कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है ?
- अपनी परिवेश से उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्दचित्र खींचिए।
- इकाई परीक्षाएँ
- गृह – कार्य
- परियोजना – कार्य